Saturday 29 August 2015

फ़िज़ा की महकती शाम हो तुम,

फ़िज़ा की महकती शाम हो तुम,
प्यार में छलकता जाम हो तुम,
सीने में छुपाये फिरता हूँ यादें तुम्हारी,
इसलिए मेरी ज़िन्दगी का दूसरा नाम हो तुम

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