Thursday 27 August 2015

इश्क़ और दोस्ती मेरी .....

इश्क़ और दोस्ती मेरी ज़िन्दगी के दो जहाँ है
इश्क़ मेरा रूह तो दोस्ती मेरा इमां है
इश्क़ पे कर दूँ फ़िदा अपनी ज़िन्दगी
मगर दोस्ती पे तो मेरा इश्क़ भी कुर्बान है

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