Friday 29 July 2016

कितना खुशनुमा होगा

कितना खुशनुमा होगा वो मेरे इँतज़ार का मंजर भी...,
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जब ठुकराने वाले
मुझे फिर से पाने के लिये आँसु बहायेंगे…

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