Thursday 27 August 2015

समंदर के लिए वो लहरे

समंदर के लिए वो लहरे क्या जिसका कोई किनारा ना हो …..
तारो के लिए वो रात क्या जिसमे चाँद ना हो
हमारे लिए वो दिन ही क्या….
जिस मे आप की याद ना हो……

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