Thursday 27 August 2015

एक पहचान हज़ारो दोस्त बना देती हैं

एक पहचान हज़ारो दोस्त बना देती हैं,
एक मुस्कान हज़ारो गम भुला देती हैं
ज़िंदगी के सफ़र मे संभाल कर चलना
एक ग़लती हज़ारो सपने जला कर राख देती है

No comments:

Post a Comment