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Friday 28 August 2015

तुमको देखा एक नजर हमने होश पा लिया

तुमको देखा एक नजर हमने होश पा लिया,
अपनी पलकों में तेरा आगोश पा लिया,
हम दर्द को पीते हैं तेरा दर्द समझकर,
आंखो ने छलकने का जोश पा लिया|

तेरे दर्द पर रोता हूँ आज भी,

तेरे दर्द पर रोता हूँ आज भी,
तू बेदर्द हो गयी ज़माने से,
क्या कमी रह गयी मेरी मुहब्बत मे,
ये जिन्दगी बीत न जाये सुलझाने मे|

गम इस बात का नही कि तुम बेवफा

गम इस बात का नही कि तुम बेवफा निकली,
मगर अफ़सोस ये है कि,
वो सब लोग सच निकले,
जिनसे मैं तेरे लिए लड़ा करता था!!

मेरी वफ़ा की कदर ना की,

मेरी वफ़ा की कदर ना की,
अपनी पसंद पे तो ऐतबार किया होता,
सुना है वो उसकी भी ना हुई,
मुझे छोड दिया था उसे तो अपना लिया होता|
एक अजीब सा मंजर नज़र आता है,

एक अजीब सा मंजर नज़र आता है,

एक अजीब सा मंजर नज़र आता है,
हर एक आँसूं समंदर नज़र आता हैं,
कहाँ रखूं मैं शीशे सा दिल अपना,
हर किसी के हाथ मैं पत्थर नज़र आता हैं|

दुनिया में तेरे इश्क़ का चर्चा ना करेंगे,

दुनिया में तेरे इश्क़ का चर्चा ना करेंगे,
मर जायेंगे लेकिन तुझे रुस्वा ना करेंगे,
गुस्ताख़ निगाहों से अगर तुमको गिला है,
हम दूर से भी अब तुम्हें देखा ना करेंगे।

इस दिल को किसी की आहट

इस दिल को किसी की आहट की आस रहती है,
निगाह को किसी सूरत की प्यास रहती है,
तेरे बिना जिन्दगी में कोई कमी तो नही,
फिर भी तेरे बिना जिन्दगी उदास रहती है॥

एक अरसा बीत गया..

एक अरसा बीत गया..खुलकर मुस्कुराए हुए..
एक अरसा बीत गया..गीत कोई गाए हुए..
मेरी नज़रों को तेरा इन्तज़ार आज भी है..
एक अरसा बीत गया..कोई रिश्ता नया बनाए हुए..

जिन्होंने बदली थी हमारे ख्वाइशों की जिंदगी..

जिन्होंने बदली थी हमारे ख्वाइशों की जिंदगी..
आज वहो बदले बदले नज़र आते है..
उड़ गए उन परिंदों का मलाल क्या करे..
जब अपने भी औरो की छत पर नज़र आते है..
रातो के ख्वाबो का इंतजार क्या करू..
जब दिन मै भी डरावने सपने आत्ते है..

ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हूँ मैं,

ठोकर ना लगा मुझे पत्थर नही हूँ मैं,
हैरत से ना देख कोई मंज़र नही हूँ मैं,
उनकी नज़र में मेरी कदर कुछ भी नही,
मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हूँ मैं|

हमें कोई ग़म नहीं था

हमें कोई ग़म नहीं था ग़म-ए-आशिक़ी से पहले,
न थी दुश्मनी किसी से तेरी दोस्ती से पहले,
है ये मेरी बदनसीबी तेरा क्या कुसूर इसमें,
तेरे ग़म ने मार डाला मुझे ज़िन्दग़ी से पहले।

Sunday 23 August 2015

मरने वाले तो एकदिन बिना बताए....

❤मरने वाले तो एकदिन बिना बताए मर ही जाते हैं,,,❤
❤रोज़ तो वो मरता है जो खुद से ज़्यादा किसी और को चाहता हैं...❤❤