Sunday 23 August 2015

हंसी ने लबों पर थ्रिकराना छोड

“हंसी ने लबों पर थ्रिकराना छोड दिया ख्बाबों ने सपनों में आना छोड दिया नहीं आती अब तो हिचकीया भी शायद आपने भी याद करना छोड’ दिया ”

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