जहां भी देखा गम का साया,
तू ही तू मुझको याद आया,
ख्वाबों की कलियां जब टूटी,
ये गुलशन लगने लगा पराया,
दरिया जब-जब दिल से निकला,
एक समंदर आंखों में समाया,
मेरे दामन में कुछ तो देते,
यूं तो कुछ नहीं मांगा खुदाया|
तू ही तू मुझको याद आया,
ख्वाबों की कलियां जब टूटी,
ये गुलशन लगने लगा पराया,
दरिया जब-जब दिल से निकला,
एक समंदर आंखों में समाया,
मेरे दामन में कुछ तो देते,
यूं तो कुछ नहीं मांगा खुदाया|
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